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बीरेन सिंह का इस्तीफे से इनकार

इंफाल। मणिपुर में शुक्रवार का दिन बड़े नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम का दिन रहा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राज्यपाल से मिलने के बाद खबर आई कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह भी राज्यपल अनुसुइया उइके से मिलने वाले हैं और उनको अपना इस्तीफा दे सकते हैं। पहले मुख्यमंत्री को एक बजे दिन में राज्यपाल से मिलने की खबर आई। इस बीच बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री आवास के बाहर जमा होने लगे। बाद में बताया गया कि वे तीन बजे राज्यपाल से मिलेंगे। लेकिन इसके थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ऐलान किया कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। इस पूरे मामले में सबसे नाटकीय यह रहा कि बीरेन सिंह के इस्तीफे की एक कटी-फटी प्रति सोशल मीडिया में वायरल हुई और कहा गया कि उनके समर्थकों ने उनका इस्तीफा फाड़ कर फेंक दिया है।

गौरतलब है मणिपुर में तीन मई से कुकी और मैती समुदाय के बीच जातीय हिंसा जारी है और अब तक 130 से ज्यादा लोग इस हिंसा में मारे जा चुके हैं। इसके अलावा 50 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। इन सबको लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह निशाने पर हैं। मणिपुर के कई भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है। तभी यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि बीरेन सिंह शायद इस्तीफा देंगे। लेकिन शुक्रवार को हुए भारी ड्रामे के बाद उन्होंने साफ मना कर दिया है।

बहरहाल, शुक्रवार को सुबह से मुख्यमंत्री के राज्यपाल से मिलने की चर्चा चल रही थी। इस बीच सैकड़ों महिलाएं इंफाल में मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के सामने पहुंच गईं। कई महिलाओं ने कहा कि बीरेन सिंह इस्तीफा न दें, बल्कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लें। इसके बाद शाम चार बज एन बीरेन सिंह ने एक ट्विट किया, जिसमें उन्होंने लिखा- इस मोड़ पर तो मैं इस्तीफा नहीं देने वाला हूं।

इससे पहले बड़ा ड्रामा हुआ। मुख्यमंत्री करीब 20 विधायकों के साथ राजभवन जाने के लिए नकले। लेकिन रास्ते में लोगों की भारी भीड़ देख कर वे वापस लौट गए। इसके बाद कुछ मंत्री घर से अंदर से निकले और सुसिंद्रो मैती ने मुख्यमंत्री का इस्तीफा पढ़ कर लोगों को सुनाया। इसके बाद उन्होंने इस्तीफे की कॉपी प्रदर्शन कर रही महिलाओं को सौंप दिया, जिन्होंने उसे फाड़  कर फेंक दिया।

बाद में राज्य सरकार के प्रवक्ता और बीरेन सिंह सरकार के मंत्री सपम राजन सिंह ने कहा- रास्ते से लौटने के बाद हम लोगों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे इस्तीफा न दें क्योंकि लोग ऐसा ही चाहते हैं। मुख्यमंत्री को सहमत करने के बाद कुछ मंत्री बाहर गए और उन्होंने लोगों से कहा कि मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने ट्विट करके इस्तीफा नहीं देने की बात कही।

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