नई दिल्ली। हरियाणा में चल रही चुनाव प्रक्रिया और महाराष्ट्र में चुनाव की तैयारियों के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात के लिए तय किए गए न्यूनतम आयात मूल्य यानी एमईपी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी भी हटा ली है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में प्याज की बहुत खेती होती है और हरियाणा में बासमती चावल की खेती होती है। इन दोनों के न्यूनतम निर्यात मूल्य समाप्त करने और बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी खत्म करने से किसानों और इन दोनों फसलों के निर्यातकों को बड़ा लाभ होगा। काफी समय से इसकी मांग की जा रही थी। तभी इस फैसले की टाइमिंग देख कर इसे दोनों राज्यों के चुनाव से जोड़ा जा रहा है।
हालांकि इन फैसलों का असर घरेलू बाजार में कीमतों पर भी पड़ेगा। पिछले कुछ दिनों से प्याज की कीमतों में तेजी बनी हुई है। दिल्ली और एनसीआर में प्याज की औसत कीमत करीब 60 रुपए किलो पर बनी हुई है। ऐसे में सरकार के इस फैसले से प्याज की कीमतों पर असर पड़ेगा। बहरहाल, इससे पहले देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने चार मई 2024 को प्याज निर्यात पर से प्रतिबंध हटाया था।
लोकसभा चुनावों के बीच सरकार ने प्याज निर्यात पर से पाबंदी हटा ली थी, लेकिन न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति टन तय किया था। इस कारण प्याज के किसान विदेशों में इससे कम कीमत पर अपनी उपज नहीं बेच सकते थे। अब सरकार ने यह सीमा हटा दी है तो किसानों को अपनी फसल निर्यात करने में आसानी हो जाएगी। महाराष्ट्र के किसानों को इसका सबसे बड़ा फायदा होगा। तभी इस फैसले को लेकर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। इसी तरह वाणिज्य मंत्रालय ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन को भी समाप्त करने का फैसला किया है।