नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के चलते इस बार अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात का प्रसारण एक हफ्ते पहले किया। आखिरी रविवार यानी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है इसलिए मन की बात का प्रसारण 19 जनवरी को किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ और रामलला का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ में दुनिया भर से लोग आते हैं। यह सामाजिक समरसता का ऐसा संगम है, जहां जात पात, ऊंच नीच से परे लोग एक दूसरे के साथ पवित्र स्नान करते हैं। भंडारों में भोजन और प्रसाद लेते हैं’।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कुंभ एकता का महाकुंभ है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को यह एक सूत्र में बांधता है। यह हजारों साल से चली आ रही परंपरा है। एक तरफ प्रयागराज, उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में कुंभ होता है। वहीं, दूसरी तरफ गोदावरी, कृष्णा, कावेरी और नर्मदा नदी के तट पर पुष्करम मनाया जाता है’। प्रधानमंत्री ने आधे घंटे के अपने प्रसारण में रामलला, स्टार्टअप इंडिया, स्पेस सेक्टर, हाथी बंधु, टाइगर रिजर्व, अरुणाचल प्रदेश और निकोबार में वर्जिन कोकोनट ऑयल का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘इस बार का गणतंत्र दिवस बहुत विशेष है। संविधान सभा के दौरान अनेक विषयों पर लंबी लंबी चर्चाएं हुईं। वे चर्चाएं, संविधान सभा के सदस्यों के विचार, उनकी वो वाणी, हमारी बहुत बड़ी धरोहर है’। प्रधानमंत्री ने संविधान को लेकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के भाषण के अंश सुनाए और कहा, ‘इन महान विभूतियों की वाणी हमारी बहुत बड़ी धरोहर है। हमें इनसे प्रेरणा लेकर काम करना है’।