इंफाल (मणिपुर) । मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में बृहस्पतिवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने एक विद्यालय के बाहर एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह घटना लाम्फेल पुलिस थाने के अंतर्गत क्वाकीथेल मायाई कोइबी में हुई। एक दिन पहले ही राज्य में पहली से आठवीं तक की कक्षाएं शुरू हुई हैं जो दो महीने से हिंसा के कारण बंद थीं। अधिकारियों ने बताया कि महिला विद्यालय के पास किसी कार्य के लिए गई थी लेकिन विद्यालय से उसका कोई लेना-देना नहीं था।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एक गांव में बृहस्पतिवार को सुबह रुक रुक कर गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं। स्वचालित हथियारों से कुछ लोगों ने गांववालों पर हमला किया लेकिन सुरक्षा बलों ने झड़प को टाल दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना बुधवार दोपहर तीन बजकर करीब 40 मिनट पर फेलेंग गांव के पास हुई। सूत्रों ने बताया कि आसपास के इलाकों से सशस्त्र समूह क्षेत्र में एकत्र हो गए थे जिससे तनाव बढ़ गया था।उन्होंने कहा कि करीब 1,000 से 1,500 महिलाओं ने सड़कों को बाधित कर दिया था ताकि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबल ना पहुंच पाएं। लेकिन इलाके में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती से स्थिति नियंत्रण में आ गई।
चुराचांदपुर में बड़ी संख्या में कुकी समुदाय के लोगों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने सार्वजनिक मैदान से तुईबोंग शांति मैदान तक रैली निकाली। सूत्रों ने बताया कि रैली में करीब 4,000 लोग शामिल हुए और अधिकतर ने ‘योद्धा’ की पोशाक पहनी हुई थी। रैली बुधवार शाम सात बजे संपन्न हुई जिसमें किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता रैली’ निकालने के बाद राज्य में तीन मई को जातीय हिंसा भड़की थी जिसमें अबतक 100 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए।
राज्य में हिंसा पर नियंत्रण पाने और हालात सामान्य करने के लिए मणिपुर पुलिस के साथ करीब 40,000 केंद्रीय सुरक्षा जवानों को तैनात किया गया है।मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आबादी में जनजातीय नागा और कुकी का 40 प्रतिशत हिस्सा है और ये पहाड़ी जिलों में रहते हैं।