नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई है और अदालत ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने एक हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि मणिपुर में तीन मई से कुकी और मैती समुदाय के बीच जातीय हिंसा चल रही है, जिसमें 140 के करीब लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग अलग अलग राहत शिविरों में रह रहे हैं।
इस बीच रविवार को फिर बिष्णुपुर-चूराचांदपुर सीमा पर दोनों समुदायों के लोग आपस भिड़ गए। इसमें तीन लोगों की गोली लगने से जान चली गई। एक अन्य का सिर काट दिया गया। इस तरह रविवार की हिंसा में चार लोग मारे गए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस इलाके का दौरा किया है। उन्होंने स्थानीय लोगों को सुरक्षा देने का वादा किया है।
राज्य में चल रही हिंसा के बीच सोमवार को कुकी समुदाय की ओर से सेना की सुरक्षा की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर एक हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। सोमवार को सुबह पांच बजे से शाम छह बजे तक पश्चिम इंफाल जिले में कर्फ्यू में ढील दी गई है। यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ने कांगपोकपी जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-दो को खोल दिया है। ये दोनों संगठन कुकी समुदाय से जुड़े हैं।