नई दिल्ली। मणिपुर में तीन मई से चल रही हिंसा के बीच भारतीय सेना ने राज्य के लोगों से अपील की है। सेना ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के अपने प्रयासों का समर्थन करने का लोगों से आग्रह किया है। भारतीय सेना ने इसके साथ ही यह भी कहा कि उसे कमजोर नहीं समझा जाए। गौरतलब है कि सेना ने कुछ उग्रवादियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें महिलाओं की एक बड़ी भीड़ ने छुड़ा लिया था। सेना ने महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं की थी।
सेना की ओर से सोमवार की देर रात को इसका एक वीडियो जारी किया गया। इसमें सेना ने कहा है- महिला कार्यकर्ता जान बूझकर पूर्वोत्तर राज्य में रास्तों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियानों में हस्तक्षेप कर रही हैं। सेना ने ट्विटर पर इस तरह के काम का वीडियो शेयर किया है, जिसमें पिछले हफ्ते का गतिरोध भी शामिल है। असल में सेना को मणिपुर के इथम गांव में करीब डेढ़ हजार लोगों की एक भीड़ के कारण 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा था। उस भीड़ में ज्यादातर महिलाएं थीं। नागरिकों की जान बचाने के लिए सेना को 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा था।
भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक ट्विट में कहा है- मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जान बूझकर रास्तों को बाधित कर रही हैं और सुरक्षा बलों के संचालन में हस्तक्षेप कर रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा समय पर प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है। भारतीय सेना आबादी के सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है। सेना ने महिलाओं की भीड़ के सामने जवानों और सैन्य अधिकारियों के संयम बरतने के फैसले की तारीफ भी की।