कोलकाता। आरजी कर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और जघन्य हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल और देश के दूसरे हिस्सों में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरी चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कोलकाता रेप, मर्डर केस को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को आठ दिन में दूसरी चिट्ठी लिखी है। उन्होंने पहली चिट्ठी का जवाब नहीं देने के लिए प्रधानमंत्री से सवाल भी किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चिट्ठी में लिखा है- मैंने 22 अगस्त को रेपिस्ट को कड़ी सजा देने के लिए कानून की मांग को लेकर पत्र लिखा था, लेकिन इतने संवेदनशील मुद्दे पर आपकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, भारत सरकार की ओर से एक जवाब जरूर मिला, लेकिन उसमें मुद्दे की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया गया। ममता ने लिखा- मैं फिर से अनुरोध करती हूं कि रेप, हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर केंद्र सरकार कड़ा कानून बनाए। इस कानून में तय वक्त में केस खत्म होने का प्रावधान भी होना चाहिए।
इससे पहले ममता ने 22 अगस्त को प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था- देश में रोज 90 रेप हो रहे हैं। फास्टट्रैक कोर्ट बनाना चाहिए। इसके जवाब में 26 अगस्त को महिला विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बंगाल में 123 फास्टट्रैक कोर्ट में से ज्यादातर बंद हैं। ममता ने दूसरी चिट्ठी में इसका भी जवाब दिया।
इसके जवाब में ममता ने शुक्रवार को लिखी चिट्टी में कहा- राज्य में 88 फास्टट्रैक कोर्ट चल रहे हैं। 62 पॉक्सो कोर्ट में भी लगातार सुनवाई हो रही है। इसके अलावा 10 नए पॉक्सों कोर्ट की भी मंजूरी दी गई है। यह सब तथ्य केंद्र से मिली चिट्ठी में ध्यान में नहीं रखे गए। ममता ने लिखा है- ये अदालतें राज्य सरकार के फंड पर चलती हैं। केस की सुनवाई और निपटारा कोर्ट के हाथ में ही रहता है। इसमें सरकारें कुछ नहीं कर सकतीं।
ममता ने मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा- हाल ही में हाई कोर्ट ने कहा था कि जघन्य अपराधों के मामले में स्थायी न्यायिक अधिकारी को नियुक्त करना चाहिए। इस नियुक्ति के लिए आपका हस्तक्षेप जरूरी है। इसके अलावा राज्य में 112 और 1098 हेल्पलाइन भी सही तरीके से चल रही है।