कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को इस्तीफा देने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि वे भी चाहती हैं कि आरजी कर अस्पताल में जिस युवा डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई उसे न्याय मिले। ममता ने कहा कि वे राज्य के लोगों के लिए इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य के लोगों से माफी मांगी और साथ ही यह भी कहा कि वे हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि वे बच्चे हैं और उन्होंने उन्हें माफ कर दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर 11 सितंबर को शाम पांच बजे तक डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो सरकार कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
बहरहाल, ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों की हड़ताल और सरकार के साथ बने गतिरोध पर राज्य के लोगों से माफी मांगते हुए कहा कि हड़ताल की वजह से 27 लोगों की जान चली गई है और सात लाख लोगों को इलाज नहीं मिल पाया है। फिर भी उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई से इनका करते हुए कहा- मैं कोई कार्रवाई नहीं करूंगी। वे युवा हैं, हम उन्हें माफ कर देंगे। मैं खुले दिमाग से उनके साथ मीटिंग करना चाहती हूं।
इससे पहले ममता बनर्जी की सरकार डॉक्टरों से मीटिंग का लाइव प्रसारण करने को तैयार नहीं हुई तो डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात नहीं की। ममता बनर्जी दो घंटे से ज्यादा समय तक खाली कुर्सियों के सामने बैठी रहीं और उसके बाद उठ कर बाहर निकलीं और प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हड़ताली डॉक्टर भी राज्य सचिवालय नबन्ना पहुंच गए थे लेकिन मुलाकात नहीं हुई। डॉक्टर इस बात पर अड़े रहे कि उनकी मुलाकात और वार्ता का सीधा प्रसारण किया जाए।
राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने गुरुवार को शाम पांच बजे उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया था। डॉक्टर करीब आधे घंटे की देरी से साढ़े पांच बजे पहुंचे। उनके प्रतिनिधिमंडल में 15 की जगह 30 डॉक्टर शामिल थे। लेकिन बैठक शुरू ही नहीं हो पाई क्योंकि डॉक्टर मीटिंग का लाइव प्रसारण कराने की मांग पर अड़े रहे। उदर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीटिंग रूम में उनका इंतजार करती रहीं। तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बावजूद डॉक्टर मुलाकात के लिए राजी नहीं हुए।
सरकार ने पहले ही कह दिया था कि मीटिंग में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मौजूद रहेंगी, लेकिन इसका लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। पिछले तीन दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल थी। सरकार ने लाइव प्रसारण की मांग छोड़ कर बाकी तीन मांगें स्वीकार कर ली थी। डॉक्टरों की मांग के मुताबिक ममता बनर्जी मीटिंग के लिए पहुंच गई थीं। मीटिंग नबन्ना में ही रखी गई थी और डॉक्टरों के 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भी मंजूरी दे दी गई थी।