बेंगलुरू। मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण यानी मुडा की जमीन से जुड़े कथित घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी पत्नी सहित कई रिश्तेदारों के फंसने और उसकी ईडी जांच शुरू होने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे ने अपने ट्रस्ट को मिली सरकारी जमीन लौटा दी है। खड़गे के बेटे राहुल एम खड़गे ने कर्नाटक सरकार को पांच एकड़ जमीन लौटाने का फैसला किया है, जो खड़गे परिवार के सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट को दी गई थी।
यह पांच एकड़ जमीन राहुल खड़गे को कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड की तरफ से बागालुर के हाई टेक डिफेंस एंड एयरोस्पेस पार्क में हार्डवेयर सेक्टर में दी गई थी। उन्होंने यहां पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर सेटअप करने का प्लान बनाया था। गौरतलब है कि इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम ने 30 सितंबर को मुडा को 14 प्लॉट वापस करने की बात कही थी। इस पर सिद्धारमैया ने कहा था कि उनके खिलाफ चल रही राजनीतिक साजिश से आहत होकर उनकी पत्नी ने प्लॉट वापस करने का फैसला किया है। दरअसल, लोकायुक्त पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू करने के बाद ईडी ने 30 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
बहरहाल, खड़गे के बेटे और सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के चेयरमैन राहुल खड़गे ने 20 सितंबर को कर्नाटक इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को एक चिट्ठी लिखकर सिविक एमेनिटी साइट पर मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर लगाने का अनुरोध वापस ले लिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे के छोटे बेटे और राज्य सरकार के मंत्री प्रियंक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह चिट्ठी शेयर किया। इस चिट्ठी में राहुल ने कहा कि सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट का मकसद कौशल विकास के जरिए नई तकनीक के क्षेत्र में छात्रों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना था।