नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के संस्थापक प्रमुख शरद पवार की ओर से चुनाव आयोग से कहा गया है कि अजित पवार खेमे की ओर से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करने का कोई आधार नहीं है। शरद पवार खेमे की ओर से कहा गया है कि अजित पवार की ओर से पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह की मांग जल्दीबाजी और दुर्भावनापूर्ण है और चुनाव आयोग को इसे खारिज कर देना चाहिए।
शरद पवार गुट की ओर से कहा गया है कि अजित पवार खेमे ने अपनी याचिका में एक जुलाई तक के घटनाक्रम का ब्योरा दिया है। लेकिन उस समय तक एनसीपी में दो गुट होने के कोई सबूत नहीं थे। इसलिए उनकी याचिका को एनसीपी में दो गुट होने का सबूत नहीं माना जा सकता है। गौरतलब है कि अजित पवार और उनके कुछ करीबी विधायक पिछले महीने महाराष्ट्र में शिव सेना और भाजपा की गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया गया और उनके साथ गए आठ विधायक मंत्री बने थे।
अजित पवार गुट की तरफ से भी दावा किया गया था कि वे असली एनसीपी हैं। क्योंकि उन्हें पार्टी के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उनके गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। अजित पवार गुट की तरफ से चुनाव आयोग को बताया गया था कि उनको 30 जून, 2023 के एक प्रस्ताव के जरिए एनसीपी का प्रमुख चुना गया है। दूसरी ओर शरद पवार खेमे का कहना है कि चुनाव आयोग के पास दायर याचिका में एनसीपी के अंदर विवाद होने का कोई सबूत नहीं है।