मुंबई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का महाराष्ट्र में विरोध तेज हो गया है। भाजपा की सहयोगी पार्टियों के साथ साथ भाजपा के नेताओं ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है। पहले एनसीपी के नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने इसका विरोध किया था और कहा था कि यह नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा लेकिन महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। इसके बाद भाजपा की एमएलसी और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने इसका विरोध किया और अब राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इसका विरोध किया है।
चव्हाण ने कहा है- ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा महाराष्ट्र की जनता पसंद नहीं करेगी। इस नारे की कोई प्रासंगिकता नहीं है। निजी तौर पर मैं ऐसे नारे के खिलाफ हूं क्योंकि यह समाज के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। हमें देखना होगा कि इससे किसी की भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए। इससे पहले महाराष्ट्र से भाजपा की एमएलसी पंकजा मुंडे ने कहा था कि नेता का काम है कि इस धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अपना समझे। हमें महाराष्ट्र में इस तरह के विषय नहीं लाने चाहिए। मुंडे ने कहा था- योगी आदित्यनाथ ने ये उत्तर प्रदेश के संदर्भ में कहा था, जहां अलग तरह की राजनीतिक परिस्थितियां हैं। उनकी बात का वही अर्थ नहीं जो समझा जा रहा है।
इससे पहले महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और महायुति में शामिल एनसीपी नेता अजित पवार ने नौ नवंबर को कहा था- ‘बटेंगे तो कटेंगे का नारा उत्तर प्रदेश और झारखंड में चलता होगा, महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। मैं इसका समर्थन नहीं करता। हमारा नारा है- सबका साथ सबका विकास। वैसे योगी आदित्यनाथ के अपने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी परोक्ष रूप से इस नारे का विरोध कर चुके हैं।