मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद चुनावी तस्वीर कुछ हद तक साफ हो गई है। यह तय हो गया है कि महायुति में भाजपा और महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस सबसे बड़े दल की तरह चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा का ज्यादा सीटों पर लड़ना पहले से तय था लेकिन अघाड़ी में अंत समय तक खींचतान चलती रही और आखिर में कांग्रेस को 102 सीटें मिलीं। दूसरी ओर भाजपा 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कई सीटों पर अब भी बहुकोणीय मुकाबला है। चार नवंबर को नाम वापसी के बाद ही स्थिति पूरी तरह से साफ होगी।
बहरहाल, मंगलवार को नामांकन समाप्त हुआ। इस बार 7,995 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। आखिरी दिन 4,996 ने पर्चे भरे। सत्तारूढ़ महायुति की ओर से 148 उम्मीदवारों के साथ भाजपा और महा विकास अघाड़ी में 103 सीट के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों पार्टियां 2019 के विधानसभा चुनाव से कम सीटों पर लड़ रही हैं। भाजपा ने पिछली बार 164 तो कांग्रेस ने 147 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इसका कारण यह है कि इस बार दोनों पार्टियां ज्यादा सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ रही हैँ।
भाजपा की सहयोगी पार्टियों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिव सेना 80 और उप मुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी 53 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के सहयोगियों में उद्धव ठाकरे की शिव सेना 89 और शरद पवार की एनसीपी 87 सीटों पर मैदान में हैं। पिछले चुनाव में अविभाजित शिव सेना 124 और अविभाजित एनसीपी भी 124 सीटों पर लड़ी थी। एमवीए ने छह सीटें छोटी सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी है। महायुति की दो और एमवीए की तीन सीटों पर अभी भी स्थिति साफ नहीं है।
इस बीच पूर्व मंत्री नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा और अजित पवार की पार्टी में टकराव हो गया है। मानखुर्द शिवाजीनगर सीट से एनसीपी नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। महायुति की ओर से यह सीट शिव सेना शिंदे गुट को दी गई है और सुरेश पाटिल को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने भी पाटिल का समर्थन करते हुए कहा है कि उसके नेता मलिक के लिए प्रचार नहीं करेंगे। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार ने बुधवार को कहा- हमारी पार्ट का स्टैंड क्लियर है। हम पहले भी नवाब मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ थे। अब भी उनका समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि उनके दाऊद इब्राहिम से लिंक होने की बात सामने आई थी।