लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर डकैती कांड में शामिल एक और अभियुक्त अनुज प्रताप सिंह का सोमवार को एनकाउंटर हो गया। इसके बाद से यूपी की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और मृतक के पिता-बहन ने भी सवाल उठाए हैं। वहीं, अखिलेश यादव को प्रदेश सरकार के सहयोगी दलों ने घेरा है। एनकाउंटर पर सवाल खड़े करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं। किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है। हिंसा और रक्त से यूपी की छवि को धूमिल करना प्रदेश के भविष्य के विरुद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है।
वहीं, एनकाउंटर में मारे गए अनुज के पिता धर्मराज सिंह ने सरकार और सपा मुखिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। मोहनगंज के निवासी धर्मराज सिंह ने कहा कि उनका बेटा अनुज चार जून को घर से गया था। उसे पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया है। जिन लोगों पर 35 से 40 मुकदमे हैं। उनका कुछ नहीं हो रहा है। उनके बेटे पर एक मुकदमा था और सुल्तानपुर डकैती में नाम आया। पुलिस ने उनके बेटे का एनकाउंटर कर दिया। सपा मुखिया अखिलेश यादव की इच्छा पूरी हो गई। ठाकुर का एनकाउंटर होने से उनकी इच्छा पूरी हो गई। सरकार की मर्जी है, जो चाहे कराए। मृतक की बहन अमीषा ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस को वर्दी दी गई है, तो उसका गलत फायदा नहीं उठाए।
जिस पर 36 मुकदमा है, उनका कुछ नहीं हुआ, जिस पर एक मुकदमा था, उसका एनकाउंटर कर दिया। अगर घटना में 15 लोग शामिल थे तो सभी का एनकाउंटर होना चाहिए। कानून वास्तव में अंधा है, कोई इंसाफ नहीं मिल रहा है। हमारी मां नहीं है सिर्फ पिता हैं, अगर उन्हें कुछ हो गया तो हमें कौन देखेगा। हमारे भाई का एनकाउंटर कर दिया। दूसरी तरफ सुभासपा के मुखिया और यूपी सरकार के मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती है। जातिवाद का मुद्दा अखिलेश यादव ने बनाया है। उन्होंने कहा 67 मुस्लिम, 20 ब्राह्मण,18 ठाकुर, 17 जाट-गुर्जर, 24 अति पिछड़ा और 26 अन्य एनकाउंटर में मारे गए। यह सब अपराधी थे। एक और ठाकुर मारा गया। अखिलेश यादव ही बता पाएंगे कि यह सही या गलत है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि विपक्ष को सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। हमारी सरकार ने अपराध और भयमुक्त माहौल का वादा किया था, उसे निभा रही है। उनकी (सपा की) सरकार में एजेंसी को संरक्षण मिला था। हमारे यहां निष्पक्ष ढंग से काम हो रहा है। किसी अपराधी की कोई जाति नहीं होती है। वह लोग अपराधियों के सहारे सत्ता प्राप्त करते थे। अपराधी खत्म हो रहे हैं। उनकी सत्ता जा रही है। उन लोगों के यहां अपराधी भर्ती थे।