नई दिल्ली। लोकसभा ने बुधवार को ‘वित्त (संख्यांक 2) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया। इसके साथ ही सरकार ने रियल एस्टेट पर हाल ही में लागू किए गए नए पूंजीगत लाभ कर में राहत दी है, जिससे करदाताओं को नई कम कर दर अपनाने या पुरानी व्यवस्था के साथ बने रहने का विकल्प मिला है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के अपने बजट भाषण में रियल एस्टेट पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) को बिना ‘इंडेक्सेशन’ लाभ के 20 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बुधवार को सदन में वित्त विधेयक में इस संबंध में संशोधन पेश किया।
अचल संपत्तियों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना में इंडेक्सेशन लाभ को हटाने के लिए बजट 2024-25 में रखे गए प्रस्ताव की विपक्षी दलों और कर पेशेवरों सहित विभिन्न पक्षों ने तीखी आलोचना की थी।
लोकसभा ने 45 सरकारी संशोधनों के साथ ध्वनिमत से ‘वित्त (संख्यांक 2) विधेयक, 2024’ को पारित कर दिया। यह विधेयक अब राज्यसभा में चर्चा के लिए जाएगा लेकिन उच्च सदन को संविधान के अनुसार किसी ‘धन विधेयक’ को खारिज करने का अधिकार नहीं है और वह ऐसे विधेयक केवल लौटा सकता है।
वित्त मंत्री ने लोकसभा में वित्त विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह आश्वासन दिया कि संशोधन के बाद एलटीसीजी कर के संबंध में कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा।उन्होंने कहा कि विपक्ष बजट को लेकर मध्यम वर्ग के सरकार से नाराज होने का झूठा माहौल बना रहा है और सरकार ने करों में भारी वृद्धि किए बिना कराधान व्यवस्था को सरल बनाया है और कई ऐसे उपाय किए हैं जिनसे मध्यम वर्ग को राहत मिली है।
सीतारमण ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘आपातकाल लगाने वालों की सरकारों में देश में 98 प्रतिशत तक कर लगता था। तब मध्यम वर्ग की चिंता नहीं थी। इस सरकार ने पिछले दस साल में कर प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं।’’
उन्होंने नई कर प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि 15 लाख रुपये की वार्षिक आय पर प्रभावी कर 2023 में घटाकर 10 प्रतिशत किया गया और नई आयकर व्यवस्था के तहत इस साल भी इसे और कम किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक छूट 50 हजार रुपये से 75 हजार रुपये की गई है और प्रभावी राहत 17,500 रुपये की मिल सकती है।