नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मनीष सिसोदिया को मिली जमानत के आधार पर अंतरिम जमानत की उम्मीद कर रहे केजरीवाल को निराशा हाथ लगी है। शराब नीति में हुए कथित घोटाले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की दो याचिकाओं पर सुनवाई हुई। पहली याचिका, सीबीआई मामले में अंतरिम जमानत को लेकर थी और दूसरी याचिका, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत की याचिका खारिज कर दी, जबकि दूसरी याचिका पर कोर्ट ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी करके 23 अगस्त तक जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पांच अगस्त को अरविंद केजरीवाल की सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही जमानत याचिका के लिए निचली अदालत जाने को कहा था।
गौरतलब है कि शराब नीति में हुए कथित घोटाले में केजरीवाल के खिलाफ ईडी और सीबीआई का केस चल रहा है। ईडी मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। वहीं सीबीआई केस में वे जेल में बंद हैं। केजरीवाल को पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था और बाद में सीबीआई ने 26 जून को उनको तिहाड़ जेल से ही गिरफ्तार किया। केजरीवाल की दोनों याचिकाओं पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां ने सुनवाई की। केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी कोर्ट में पेश हुए।
सिंघवी ने कोर्ट से कहा- दिल्ली के मुख्यमंत्री को धन शोधन कानून की धारा 45 के सख्त प्रावधानों के बावजूद तीन बार जमानत मिल चुकी है। उन्होंने 10 मई और 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत आदेशों और 20 जून को सुनवाई अदालत की ओर से दी गई नियमित जमानत का हवाला दिया। सिंघवी ने कहा- ऐसे में केजरीवाल को जमानत देनी चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के केस में अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।