नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। उनकी आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश गहलोत ने सरकार से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी और सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दिया है। गहलोत ने कहा है कि पार्टी केंद्र सरकार से कानूनी लड़ाई ही लड़ती रह गई और उसने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। गहलोत के पास परिवहन सहित कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी।
कैलाश गहलोत ने रविवार सुबह आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर इस्तीफे की सूचना दी। गहलोत ने केजरीवाल को लिखे पत्र में यमुना की सफाई के मुद्दे को लेकर पार्टी की आलोचना की। उन्होंने लिखा- आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से लड़ाई करने में बहुत वक्त बरबाद किया। पार्टी ने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने केजरीवाल के विशाल बंगले और उस पर हुए खर्च का मुद्दा भी उठाया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। गहलोत के मंत्रालयों का प्रभार आतिशी के पास ही रहेगा। इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा- ये भाजपा का गंदा षड्यंत्र है। भाजपा दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा- दिल्ली चुनाव से पहले मोदी वॉशिंग मशीन सक्रिय हो गई है। अब कई नेता इस मशीन के जरिए भाजपा में शामिल किए जाएंगे।
बहरहाल, गहलोत ने अपने इस्तीफे में कहा है- मैं आपको बताना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है। पार्टी के सामने उन्हीं मूल्यों की चुनौतियां हैं जो हम आप में एक साथ लेकर आए थे। राजनीतिक महत्वाकांक्षा लोगों के प्रति प्रतिबद्धता से आगे निकल गई है और कई वादे अधूरे रह गए हैं। उन्होंने लिखा- हमने यमुना को स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं कर पाए। अब यमुना नदी पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है। लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। गहलोत ने आगे कहा- केजरीवाल का नया बंगला जैसे कई शर्मनाक विवाद हैं, जो लोगों को संदेह में डाल रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी हैं या नहीं।