श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादियों ने सेना की गाड़ी पर बड़ा हमला किया। इस हमले में चार जवान घायल हुए हैं, जबकि एक नागरिक की मौत हो गई है। गुरुवार, 24 अक्टूबर की शाम को आतंकवादियों ने सेना की गाड़ी पर हमला किया। इसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई, जो देर रात तक चलती रही। घटना जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले के गुलमर्ग के नागिन इलाके की है, जहां, वास्तविक नियंत्रण रेखा, एलओसी के पास गुरुवार शाम 18, राष्ट्रीय राइफल्स की गाड़ी पर आतंकियों ने हमला किया।
इस हमले में सेना की मदद के लिए काम करने वाले एक पोर्टर की मौत हुई। पोर्टर पहाड़ी इलाके और अग्रिम चौकियों पर सामान पहुंचाने में सेना की मदद करते हैं। हमले में सेना के चार जवान भी घायल हैं। आतंकवादियों की ओर से फायरिंग के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने भी जवाबी फायरिंग की और इलाके को घेर लिया है। आतंकवादियों की तलाश में बड़े इलाके में सच्र ऑपरेशन चल रहा है।
इससे पहले गुरुवार की सुबह ही दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के बटगुंड में आंतकवादियों ने एक और मजदूर पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें वो घायल हुआ था। घायल का नाम शुभम कुमार बताया गया है, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसका अस्पताल में इलाज हो रहा है। गुरुवार सुबह ही श्रीनगर में गनबाग इलाके में एक गैर कश्मीरी युवक का शव मिला था। पुलिस के मुताबिक मृतक पश्चिम बंगाल का रहने वाला एमडी जाहुद था। ये दोनों घटनाएं गैर कश्मीरियों को लक्षित करके हमला करने का मामला लग रहा है।
जम्मू कश्मीर में पिछले एक हफ्ते में गैर कश्मीरियों पर कई बार हमले हो चुके। इससे पहले 20 अक्टूबर को गांदरबल में और 18 अक्टूबर को शोपियां में आतंकवादियों ने लक्षित हत्या को अंजाम दिया था। इन दोनों घटनाओं में सात लोगों की मौत हुई थी। इस तरह एक हफ्ते में लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें ज्यादातर गैर कश्मीरी मजदूर हैं।
इस बीच लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों को देखते हुए गुरुवार को राजभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें नॉर्थ विंग के कमांडर सहित जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक, कोर कमांडर और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए थे। गौरतलब है कि 18 और 20 अक्टूबर को हुए हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा से जुड़े एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरफ ने ली है। बुधवार को इस हमले में शामिल आतंकी की तस्वीर सामने आई। उसके हाथ में एके 47 जैसी राइफल थी और वह किसी इमारत में घुसता नजर आ रहा है। यह भी खबर आई है कि प्रवासी मजदूरों पर हमला करने वाले आतंकवादियों के पास अमेरिका में बने हथियार भी थे।