श्रीनगर। एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में जम्मू कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 यानी जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास हो गया है। भाजपा विधायकों ने इसका भारी विरोध किया और प्रस्ताव की कॉपी फाड़ी। उन्होंने सदन के वेल में जाकर हंगामा किया। भाजपा का आरोप था कि स्पीकर ने मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। इसके बाद विधायकों ने बेंच पर चढ़कर हंगामा किया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नए बने प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष सत शर्मा की अगुआई में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में इकट्ठा होकर जम्मू कश्मीर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी का पुतला भी जलाया। भाजपा ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर के लोगों को गुमराह कर रही है और कहा कि कोई भी विधानसभा अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस नहीं ला सकती।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन जब पीडीपी की ओर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया गया तब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसका समर्थन नहीं किया था, बल्कि इसका मजाक उड़ाया था। लेकिन बुधवार, छह नवंबर को सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। केंद्र ने से पांच अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। उप मुख्यमंत्री के प्रस्ताव में कहा गया है- राज्य का विशेष दर्जा और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू कश्मीर की पहचान, संस्कृति और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एकतरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है। भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए।
निर्दलीय विधायक शेख खुर्शीद और शब्बीर कुल्ले, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और पीडीपी विधायकों ने इसका समर्थन किया। विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा सहित भाजपा के सभी विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध किया। शर्मा ने कहा कि उनके पास जानकारी है कि स्पीकर ने मंगलवार, पांच नवंबर को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी और खुद ही प्रस्ताव तैयार किया।