नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में बताया कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अभी सदमे में हैं और भारत ने उन्हें मदद का भरोसा दिलाते हुए आगे की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में जयशंकर ने कहा कि हसीना को भारत आए अभी चौबीस घंटे भी नहीं बीते हैं और वह सदमे में हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार हसीना को सदमे से उबरने के लिए समय दे रही है और इसके बाद वह उनकी आगे की रणनीति सहित अन्य मुद्दों पर उनसे बात करेगी।
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है।
विदेश मंत्री ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात में विदेशी सरकारों की भूमिका से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हालात बहुत संवेदनशील हैं और सरकार पड़ोसी देश के घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रही है।सूत्रों के मुताबिक, बैठक में जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने बैठक में कहा कि बांग्लादेश के घटनाक्रम के बारे में पश्चिम बंगाल सरकार को अवगत कराया जाना चाहिए। जबकि अभी तक उससे संपर्क नहीं किया गया है।
बैठक से पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा था कि भारत में सत्ता में मौजूद लोगों को बांग्लादेश के घटनाक्रम से सबक लेना चाहिए।उन्होंने कहा, “जब लोकतंत्र पर खतरा मंडराता है और सत्ता में बैठे लोग लोकतंत्र का मुखौटा पहनकर तानाशाह बन जाते हैं, तो देश की जनता कुछ समय तक ही उन्हें बर्दाश्त करती है और फिर अराजकता फैल जाती है।”