नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 36 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को तीन दिन का समय और दिया है। सरकार की ओर से पंजाब का बंद का हवाला देकर समय मांगा गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पंजाब सरकार को तीन दिन की मोहलत और दे दी है। यह भी कहा गया है कि डल्लेवाल सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं।
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इस मामले की सुनवाई हुई। इसमें पंजाब सरकार ने कहा कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। सरकार ने यह भी कहा कि एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। इस अवमानना मामले की अगली सुनवाई अब 2 जनवरी को होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया था और कहा था कि डल्लेवाल को किसी तरह से 31 दिसंबर से पहले अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराया जाए। मंगलवार को सुनवाई में पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने अपनी समस्याएं बताईं, जिसके बाद जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर सरकार को कुछ और समय चाहिए, तो अदालत तैयार हैं।
जस्टिस सूर्यकांत ने मंगलवार को फैसले में राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को लेकर कहा, ‘अवमानना करने वालों ने डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए तीन दिन का समय मांगा है। एडवोकेट जनरल ने भी मौखिक तौर पर कुछ स्थितियां बताई हैं, जिसे देखते हुए डल्लेवाल को भर्ती कराने के आदेश को लागू करने के लिए कुछ और समय देने की अर्जी मंजूर की जाती है’। इससे पहले कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब पुलिस ने किसानों और डल्लेवाल को मनाने की काफी कोशिश की। 29 और 30 दिसंबर को रिटायर पुलिस अधिकारी जसकरण सिंह के साथ पटियाला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया था। उन्होंने किसान नेताओं और डल्लेवाल से भी बात की लेकिन वे राजी नहीं हुए।