नई दिल्ली। इजराइली फौज ने हिजबुल्लाह के चीफ नसरल्लाह और उसके शीर्ष कमांडरों के मारने के बाद भी हमला लगातार जारी रखा है। ताजा हमले में इजराइल की सेना ने गुरुवार की रात को हवाई हमले में लेबनान से सीरिया तक जाने वाली करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सुरंग को तबाह कर दिया। इजराइली डिफेंस फोर्स ने बताया कि हिजबुल्लाह इसका इस्तेमाल ईरान के हथियारों की तस्करी के लिए करता था।
आईडीएफ के मुताबिक, हिजबुल्लाह की यूनिट 4400 टनल के जरिए ईरान के हथियारों को लेबनान पहुंचाती थी। लड़ाकू विमानों से किए गए हमले में सुरंग के अलावा उसके आसपास मौजूद हिजबुल्लाह की इमारतें और हथियार डिपो भी तबाह हो गए। इस बीच ईरान ने दोहराया है कि वह लेबनान और हिजबुल्लाह के साथ है। उसके विदेश मंत्री अब्बास आराग्ची ने कहा है- लेबनान हमारा दोस्त है। हम वहां के शिया मुस्लिमों और हिजबुल्लाह के साथ हैं।
उधर इजराइली हमले में 27 सितंबर को मारे गए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मौत के सात दिन बाद शुक्रवार को सुपुर्द ए खाक किया गया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों के मुताबिक इजराइली हमले के डर से नसरल्लाह को गुप्त जगह पर दफनाया गया है। पहले उसकी मौत के शोक में बड़ा जनाजा निकाले जाने की खबरें थीं। लेकिन बाद में ऐसा नहीं किया गया क्योंकि इजराइली हमले का डर थी।
जिस वक्त नसरल्लाह को दफनाया जा रहा था उसी वक्त ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खामेनेई ने तेहरान की ग्रैंड मस्जिद में हिजबुल्लाह चीफ की याद में नमाज पढ़ी। सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच पहुंचे खामेनेई ने मस्जिद में मौजूद हजारों की तादाद लोगों के सामने भाषण दिया। उन्होंने दुनिया के मुसलमानों को दुश्मन के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। खामेनेई ने कहा- दुनिया में एक भी ऐसी अदालत नहीं है जो फिलस्तीनियों को अपनी जमीन की हिफाजत करने के लिए दोषी ठहरा सके।
खामेनेई ने इजराइल का सामना करने के लिए अरब देशों से साथ आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इजराइल का खात्मा जरूरी है। खामेनेई ने कहा कि मंगलवार को इजराइल पर हुआ मिसाइल अटैक बहुत छोटी सजा थी। जरूरत पड़ी तो फिर हमला करेंगे। उन्होंने कहा कि इजराइल कभी भी हमास और हिजबुल्लाह को नहीं हरा पाएगा।