नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारतीय कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने के मामले में भारत सरकार ने शनिवार को अपना पक्ष रखा और अमेरिका को जवाब दिया। भारत ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद की ओर से बनाए गए नियमों का पूरी तरह से पालन करता है। गौरतलब है कि अमेरिका ने 19 भारतीय कंपनियों पर रूस को रक्षा से जुड़ा सामान उपलब्ध कराने के आरोप लगाते हुए पाबंदी लगाई है।
इन पर भारत ने शनिवार को अपना पक्ष रखा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा- हमने भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की रिपोर्ट देखी है। हम रक्षा निर्यात से जुड़े मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करते हैं। रणधीर जायसवाल ने भारतीय कंपनियों को क्लीन चिट देते हुए कहा- 19 कंपनियों ने किसी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने कहा- हम सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर कंपनियों को निर्यात नियमों के बारे में जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारत के अलावा रूस, चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे एक दर्जन से ज्यादा देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका का आरोप है कि ये कंपनियां फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस को रक्षा से जुड़े साजो सामान उपलब्ध करवा रही हैं, जिनका इस्तेमाल रूस युद्ध में कर रहा है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि कुछ कंपनियां विमान के पुर्जे, मशीन टूल्स आदि भी सप्लाई करती हैं।
इस मामले में अमेरिका ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसके विदेश, वित्त और वाणिज्य विभाग ने ये प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने रूसी रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों और रक्षा कंपनियों पर भी राजनयिक प्रतिबंध लगाए हैं। उनके मुताबिक, इस प्रतिबंध का उद्देश्य तीसरे पक्ष के देशों को सजा देना है।