नई दिल्ली। सेना में इस्तेमाल होने वाले डोन्स में चीनी पुर्जों होने को लेकर रक्षा विभाग में चिंता बढ़ी है। तभी रक्षा विभाग यह सुनिश्चित करना चाह रहा है कि देश की निजी क्षेत्र की कंपनियों से खरीदे गए ड्रोन्स में चीनी उपकरण नहीं हों। दरअसल, खुफिया एजेंसियों ने उन ड्रोन में चीनी पुर्जों के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है, जिन्हें भारतीय सेना ने घरेलू निजी कंपनियों से खरीदा है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 200 मीडियम ऊंचाई तक उड़ान भरने वाले लॉजिस्टिक्स ड्रोन के ऑर्डर को रोक दिया था।
रक्षा मंत्रालय ने इसके निर्माता से कहा था कि वह इस बात का सबूत दे कि इन ड्रोन्स में चीनी पुर्जों का इस्तेमाल नहीं हुए हैं। इन ड्रोन्स को चीन से लगी भारत की उत्तरी सीमा पर तैनात किया जाना था। आर्मी डिजाइन ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर मेजर जनरल सीएस मान ने कहा है कि इस फ्रेमवर्क को मजबूत बनाने के लिए कई तरीकों पर सोच विचार किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन ने फिक्की, एसोचैम आदि से कहा है कि वे अपनी सदस्य कंपनियों को कहें कि वे ड्रोन या अन्य संबंधित उपकरण बनाने में चीनी कल पुर्जों का इस्तेमाल करने से बचें।