नई दिल्ली। भारत की यात्रा पर आए कतर के अमीर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दोपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों के बीच कई मसलों पर सहमति बनी और समझौता ज्ञापन यानी एमओयू पर दस्तखत हुए। दोनों देशों ने व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। निवेश बढ़ाने को लेकर भी एमओयू पर दस्तखत हुए। इससे पहले कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल थानी का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कतर के अमीर ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात की।
बाद में अमीर अल-थानी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में दोपक्षीय बैठक हुई। भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा हरदीप पुरी, पीयूष गोयल और मनसुख मंडाविया शामिल हुए। पीके मिश्रा भी इस बैठक का हिस्सा थे। दोनों पक्षों ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश में कई समझौता ज्ञापनों पर दस्तखत किए। इस बाद कतर के अमीर अल-थानी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भी बैठक की। राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
कतर के अमीर अल-थानी सोमवार की रात को भारत पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी खुद प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें रिसीव करने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। कतर के अमीर दो दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे हैं। यह अमीर की कतर की दूसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वे मार्च 2015 में भारत आए थे। कतर अमीर अल-थानी की इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। साल 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर गए थे।
बहरहाल, भारत और कतर के बीच सोमवार को दो समझौता ज्ञापनों पर दस्तखत हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी मौजदू रहे। दोनों ने भारत व कतर के बीच ज्वाइंट ट्रेड फोरम की शुरुआत की। पीयूष गोयल ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं।