नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर हुए समझौते के तहत भारत और चीन की सेना के वापस लौटने और गश्त की तैयारियों के बीच 31 अक्टूबर को दिवाली के दिन दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। इसके बाद बातचीत के जरिए गश्त की बारीकियां तय की जाएंगी। गौरतलब है कि भारत और चीन की सेना के देपसांग के मैदान और डेमचोक में हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
इसके बाद गुरुवार, 31 अक्टूबर को दिवाली पर चीन और भारत के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। बताया गया है कि सीमा पर पहले की तरह यानी अप्रैल 2020 से पहले की तरह गश्त को लेकर जल्दी ही सैन्य कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच बातचीत होगी। गौरतलब है क सैन्य कमांडर स्तर की अनेक दौर की वार्ता के बाद ही दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने और फिर से गश्त शुरू करने का समझौता हुआ।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच समझौते की खबर 21 अक्टूबर को सरकार की ओर से दी गई थी। उसके बाद 25 अक्टूबर से सैनिकों की वापसी शुरू हुई। इसके बाद समझौते को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। उन्होंने कहा- ये तनाव तभी कम होगा, जब भारत को यकीन हो जाए कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव कम करने के बाद, बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
बहरहाल, भारत और चीन की सेनाओं का शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई था और बुधवार, 30 अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके बाद गश्त के बारे में बातचीत होगी। बताया जा रहा है कि गश्त के लिए सीमित सैनिकों की संख्या तय की गई है। इस बारे में सैन्य कमांडर स्तर के अधिकारी वार्ता करेंगे। गौरतलब है कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया था।