नई दिल्ली। भारत और चीन के रिश्तों में चार साल से ज्यादा समय से चल रहा गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव घटाने और सीमा पर गश्त को लेकर बड़ा समझौता हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अडानी समूह के न्यूज चैनल ‘एनडीटीवी’ पर इसके बारे में विस्तान से जानकारी दी। ‘एनडीटीवी’ के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन में सीमा पर पेट्रोलिंग सिस्टम को लेकर समझौता हुआ है। इससे मई, 2020 से पहले की स्थिति वापस आएगी। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत के लिए होने वाली रूस यात्रा से पहले भारत और चीन के बीच इस समझौते का ऐलान हुआ। विदेश मंत्री ने बताया कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर पेट्रोलिंग के लिए सहमत हो गए हैं। इससे पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझ सकता है और टकराव में कमी आएगी। गौरतलब है कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग से भी मुलाकात होगी।
इस मुलाकात से पहले ‘एनडीटीवी’ के वर्ल्ड समिट में बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा- यह एक सकारात्मक और अच्छा घटनाक्रम है। यह बहुत धैर्य और बहुत दृढ़ कूटनीति का नतीजा है। हम सितंबर, 2020 से बातचीत कर रहे हैं। उस समय मास्को में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद मुझे लगा था कि हम शांति और 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ सकेंगे।
इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को ही इस समझौते की जानकारी दी थी। साथ ही उन्होंने बताया था कि पेट्रोलिंग के नए सिस्टम पर सहमति के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटा सकती हैं। गौरतलब है कि डेमचोक में सैनिकों को गश्त की जगह तक जाने की इजाजत अभी नहीं है। वहां सेनाएं अभी मौजूद हैं। पेट्रोलिंग का नया सिस्टम इन्हीं जगहों से संबंधित है। माना जा रहा है कि इससे गलवान जैसे टकराव को टाला जा सकेगा।
गौरतलब है कि एक अक्टूबर को भारत के सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि चीन के साथ भारत के हालात स्थिर हैं, लेकिन ये सामान्य नहीं हैं, काफी संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा था- चीन के साथ हमें लड़ना भी है, सहयोग करना है, साथ रहना है, सामना करना है और चुनौती भी देनी है। भारत और चीन के बीच अप्रैल से अब तक कमांडर लेवल की 17 बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में हमने कई मुद्दों पर चर्चा की है। इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने 12 सितंबर को स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि चीन के साथ विवाद का 75 फीसदी हल निकल गया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है।