नई दिल्ली। कनाडा में भारतीय उच्चायोग की ओर से कॉन्सुलेट शिविर लगाने का कार्यक्रम स्थगित होने के बाद भारत ने कनाडा से नाराजगी जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा सरकार की ओर से पर्याप्त सुरक्षा नहीं दिए जाने की वजह से ये शिविर नहीं लगाए गए। गौरतलब है कि पिछले दिनों हिंदू सभा के मंदिर में एक शिविर लगाने के दौरान खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर दिया था। तभी जब कनाडा की ओर से बाकी कॉन्सुलेट शिविरों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिली तो इन्हें रद्द कर दिया गया।
टोरंटो स्थित भारतीय कॉन्सुलेट जनरल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। इसमें कहा गया है- कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों ने कॉन्सुलेट शिविरों को सुरक्षा देने से मना कर दिया है, इसलिए हमने शिविरों को बंद करने का फैसला लिया है। कनाडा में भारतीय दूतावास का शिविर कार्यक्रम रद्द होने के विदेश मंत्रालय की ओर से दिल्ली में भी यही कहा गया कि पर्याप्त सुरक्षा आश्वासन न मिलने के कारण यह फैसला किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले एक साल या उससे अधिक समय में भारतीय राजनयिकों को कनाडा में डराया, धमकाया गया और उन्हें परेशान किया गया। मंत्रालय ने कहा कि यह सब हरकतें अस्वीकार्य हैं और हमने मजबूती से कनाडा के सामने यह मुद्दा उठाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- हमने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी, जहां वाणिज्य दूतावास शिविर आयोजित किया जाना था, लेकिन कनाडा की ओर से सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। पिछले एक साल या उससे भी ज़्यादा समय से हमने भारतीय राजनयिकों पर हमले, उन्हें डराना, धमकाना, परेशान करना जैसी चीज़ें देखी हैं।
असल में कॉन्सुलेट जनरल ने 27 सितंबर को पेंशन सर्टिफिकेट्स के लिए कनाडा के अलग अलग शहरों में 14 शिविर लगाने की घोषणा की थी। ये शिविर दो से 23 नवंबर के बीच विनिपेग, ब्रैम्पटन, हैलिफैक्स और ओकविल में आयोजित किए जाने थे। लेकिन अब सुरक्षा नहीं मिल पाने की वजह से इनमें से कुछ शिविर आयोजित नहीं किए जाएंगे। गौरतलब है कि कनाडा में जितने लोगों को भारत सरकार से पेंशन मिलती है, उन्हें लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इसके लिए हर साल नवंबर में भारतीय उच्चायोग की तरफ से कैंप लगाए जाते हैं।
जो शहर उच्चायोग से दूर हैं, वहां के लोगों की मदद के लिए धार्मिक जगहों जैसे गुरुद्वारों और मंदिरों में शिविर लगाए जाते हैं। सर्टिफिकेट के लिए शिविर लगने से एक हफ्ते पहले लोगों को अपना नाम दूतावास को देना होता है। तीन नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में यही शिविर लगा था। ये मंदिर ब्रैम्पटन और आसपास के इलाके में सबसे बड़ा मंदिर है। ऐसे ही शिविर सरे और कैलगरी में भी लगाए गए थे।