नई दिल्ली। गुइलेन बैरे सिंड्रोम यानी जीबीएस के मामले पांच राज्यों में सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र से शुरू हुई इस बीमारी के मरीज पश्चिम बंगाल से लेकर तेलंगाना में मिले हैं। महाराष्ट्र में इससे मरने वालों की संख्या पांच हो गई है और बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में भी तीन लोगों की मौत जीबीएस की वजह से हुई है। महाराष्ट्र में पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ और दूसरे इलाकों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ कर 149 हो गई है, जबकि मरने वालों का आंकड़ा पांच पर पहुंच गया है।
तेलंगाना में अभी तक एक केस सामने आया है। असम में भी 17 साल की एक लड़की की मौत जीबीएस से हुई है। हालांकि वहां कोई दूसरा एक्टिव केस नहीं है। पश्चिम बंगाल में 30 जनवरी तक तीन लोगों की मौत होने की खबर है। हालांकि, इसकी सरकारी पुष्टि नहीं हुई है। बहरहाल, असम के गुवाहाटी में शनिवार को 17 साल की लड़की की जीबी सिंड्रोम के कारण मौत हुई। उसे 10 पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जीबी सिंड्रोम एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें व्यक्ति की संवेदना में कमी आने लगती है। उसे सांस लेने, बात करने, चबा कर खाने में भी परेशानी होने लगती है।
बहरहाल, तेलंगाना के सिद्दीपेट में 25 साल की महिला को जीबी सिंड्रोम के लक्षण के बाद केआईएमएस में भर्ती कराया गया, जहां वो वेंटिलेटर सपोर्ट पर है। उधर पश्चिम बंगाल में 30 जनवरी तक तीन लोगों की मौत होने की खबर है। इसमें दो बच्चे और एक वयस्क है। पीड़ित परिवारों का दावा है कि इन मौतों का कारण जीबी सिंड्रोम है, लेकिन बंगाल सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है। कहा जा रहा है कि चार और बच्चे जीबी सिंड्रोम से पीड़ित हैं। राजस्थान के जयपुर में 28 जनवरी को लक्षत सिंह नाम के बच्चे की मौत हुई। वो कुछ दिन से जीबी सिंड्रोम से पीड़ित था। परिजनों ने उसका कई अस्पताल में इलाज कराया था। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।