नई दिल्ली। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगने वाले टैक्स से राहत की उम्मीद कर रहे करोड़ों लोगों को झटका लगा है। वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी की दरों पर विचार के लिए हुई जीएसटी कौंसिल की बैठक में इस पर फैसला नहीं हो सकता है। कौंसिल ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी कम करने के प्रस्ताव को अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी कम करने का प्रस्ताव राज्यों के विरोध के चलते टल गया है। कौंसिल ने मंत्रियों से इस पर और अध्ययन करने को कहा है।
गौरतलब है कि बीमा की किश्तों पर 18 फीसदी तक जीएसटी लगता है, जिससे किश्तें बहुत महंगी हो जाती हैं। तभी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चिट्ठी लिखी कर बीमा की किश्तों पर जीएसटी कम करने की अपील की। इसके बाद जीएसटी कौंसिल की बैठक में इस पर विचार किया गया। इस पर विचार के लिए एक कमेटी भी बनाई गई। लेकिन पिछली दो बैठकों से इस पर फैसला नहीं हो पा रहा है।
शनिवार, 21 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी कौंसिल की 55वीं बैठक जैसलमेर में शुरू हुई थी। बीमा की किश्तों पर लगने वाले जीएसटी पर विचार के लिए बनी कमेटी के प्रमुख बिहार के वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा- बीमा पर जीएसटी कम करने के प्रस्ताव को अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है। बहरहाल, शनिवार को दो चरणों में जीएसटी की बैठक हुई। पहले चरण की बैठक सुबह 11 से दोपहर दो बजे तक चली। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे से दूसरे चरण की बैठक शुरू हुई।
बताया जा रहा है कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में बदलाव के फैसले हुए हैं। मंत्री समूह की सिफारिशों के आधार पर कुछ वस्तुओं में जीएसटी कम होगी, जबकि विलासिता वाली कुछ वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया गया है।