इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के चार दिन के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया और उसके एक दिन बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने संकेत दिया है कि राज्य में फिर से सरकार का गठन हो सकता है। मणिपुर भाजपा अध्यक्ष शारदा देवी ने कहा कि, ‘विधानसभा अभी भी निलंबित अवस्था में है। कुछ समय बाद हालात को देखते हुए सदन चलाने पर विचार हो सकता है’।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया था। यह फैसला मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के चार दिन बाद किया गया। बीरेन सिंह ने नौ फरवरी को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को इस्तीफा सौंपा था। इस बीच खबर है कि 21 महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के फैसले का मैती समुदाय ने विरोध किया है। वहीं कुकी समुदाय के लोग केंद्र सरकार के फैसले से खुश हैं।
मैती समुदाय का कहना है कि एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में जल्दी किसी सक्षम व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। राष्ट्रपति शासन लागू करने का फैसला ठीक नहीं है। दूसरी ओर कुकी समुदाय की संस्था आईटीएलएफ ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला सही है। मुख्यमंत्री बदलने से कुछ नहीं होता। फोरम कुकी समुदाय के लिए अलग प्रशासन की भी मांग कर रहा है।
इस बीच भाजपा सांसद और पार्टी की पूर्वोत्तर इकाई के प्रभारी संबित पात्रा ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद भी राज्य में शांति रहेगी और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हो रही अवैध घुसपैठ से सख्ती से निपटा जाएगा। हालांकि पात्रा ने भी कहा कि मणिपुर के राज्यपाल की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया है। अब परिस्थितियों के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहें इसे बहाल कर सकती हैं।