नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को घोषणा की कि वह केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को ‘हर संभव मदद’ प्रदान कर रहा है। निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा, “हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है। यह बयान यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी की ओर से निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) की मौत की सजा को हाल ही में मंजूरी दिए जाने के बाद आया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि एक महीने के भीतर फांसी हो सकती है, जिससे परिवार सदमे में है और उसे बचाने के लिए समय की कमी महसूस कर रहा है। निमिषा की माँ, 57 वर्षीय प्रेमा कुमारी, मृत्युदंड की सज़ा माफ करवाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने यमन की राजधानी सना की यात्रा की।
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इस यात्रा का मकसद यमन में स्थित एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं के संगठन सेव निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की मदद से मृतक के परिवार के साथ ब्लड मनी के भुगतान पर बातचीत करना था। बल्ड मनी यमन में यह एक पारंपरिक प्रथा है जिसके कारण प्रिया की सजा में कमी आ सकती थी। केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिशा प्रिया 2008 में अपने डेली वेज वर्कर माता-पिता की मदद के लिए यमन चली गई थीं। उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और आखिरकार अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया। 2017 में, निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद हो गया। निमिषा पर महदी की हत्या का आरोप है। तब से वो जेल में है। 2020 में, सना की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई और यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा, हालांकि इसने ब्लड मनी का विकल्प खुला रखा।