चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि गणतंत्र दिवस के दिन यानी 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। उससे पहले 13 जनवरी को लोहिड़ी के मौके पर आंदोलनकारी किसान केंद्र सरकार की ओर से जारी कृषि मार्केटिंग नीति के ड्राफ्ट की कॉपी जलाएंगे। किसान इसे पहले तीन विवादित केंद्रीय कानूनों से भी खराब बता रहे हैं। गौरतलब है कि किसान फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग सहित 13 मांगों के साथ पिछले 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बीच किसानों की मांगों के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर 44 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक हो गई है। वे किसी के साथ बात भी नहीं कर पा रहे हैं। पूर्व डीआईजी नरेंद्र भार्गव और पटियाला के एसएसपी नानक सिंह ने बताया कि ऐसी हालत में भी डल्लेवाल ने इलाज कराने से मना कर दिया है। प्रशासन उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा है।
डल्लेवाल की हालत देखते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि यदि डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी हो गई तो शायद उसके बाद जो स्थिति पैदा होगी, उसे केंद्र सरकार संभाल नहीं पाएगी। इसलिए समय रहते केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दों को हल करना चाहिए। डल्लेवाल की नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी जांच कर रही है। बुधवार का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए डॉक्टरों की टीम ने कहा कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर लगातार कम हो रहा है। ब्लड प्रेशर को स्थिर रखने के लिए उनके पैरों को ऊंचाई पर रखना पड़ रहा है।
अपने अनशन के 44वें दिन बुधवार को डल्लेवाल ने कहा है कि उन्हें बात करने में परेशानी हो रही है। उन्होंने अपनी टीम से कहा है कि किसी को भी अंदर उनकी ट्रॉली में नहीं आने दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे सभी का सम्मान करते हैं, लेकिन मेडिकल मजबूरी की वजह से वे बात करने में असमर्थ हैं। गौरतलब है कि तबीयत बिगड़ने से पहले दिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की बनाई उच्चाधिकार प्राप्त कमेटी ने खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मुलाकात की थी।