चंडीगढ़। पंजाब के किसानों का दिल्ली मार्च एक बार फिर टल गया है। रविवार, आठ दिसंबर को पंजाब के 101 किसानों ने दूसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी के पुल पर रोक दिया। करीब चार घंटे की जद्दोजहद के बाद जत्थे को वापस लौटना पड़ा। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेरने कहा कि सोमवार को फैसला करेंगे कि आगे कब जाना है।
इससे पहले 101 किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे शंभू बॉर्डर पर धरनास्थल से दिल्ली कूच के लिए निकला। घग्गर पुल पर पुलिस और किसानों के बीच बहस हुई। हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने का अनुमति पत्र मांगा। उन्होंने कहा कि बिना परमिशन के वे दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
हालांकि इसके बाद पुलिस ने किसानों को चाय और बिस्किट का प्रस्ताव दिया और फूल भी बरसाए। फिर भी किसान दिल्ली कूच करने पर अड़े रहे। पुलिस ने दोबारा आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें आठ किसान घायल हो गए। किसान नेता सरवन पंधेर के मुताबिक एक किसान की हालत गंभीर है। उसे चंडीगढ़ पीजीआई भेजा गया गया है। ऐसे में जत्थे को वापस बुलाने का फैसला लिया गया। किसानों ने आरोप लगाया कि जो फूल बरसाए गए उनमें केमिकल मिले हुए थे।
बहरहाल, किसानों के वापस शंभू बॉर्डर पर लौटने के बाद अंबाला के डीसी और एसपी ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों के साथ मिलकर किसानों से वार्ता की। किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि हरियाणा के प्रशासन ने एक दिन यानी सोमवार की मोहलत मांगी है। उनका कहना है कि सोमवार को पानीपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा है। उसके बाद अधिकारियों से बातचीत कर दिल्ली जाने की छूट को लेकर जानकारी देंगे। गौरतलब है कि किसानों की केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की गारंटी के सहित 13 मांगें हैं। इससे पहले छह दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें आठ किसान घायल हो गए। इसके बाद पंधेर ने किसानों को वापस बुला लिया।