Election Commissioner: पुरानी मान्यता है कि ज्यादा सफाई देने से शक गहरा होता है। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनावों की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में करीब सवा घंटे उन्होंने सफाई दी।
दिल्ली चुनाव कार्यक्रम के बारे में वे सिर्फ 10 मिनट बोले और बाकी समय में उन्होंने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम, मतदाता सूची में गड़बड़ी, मतदान समाप्त होने के बाद आंकड़े बढ़ जाने जासे आरोपों पर आयोग की सफाई पेश की।
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ईवीएम का बचाव करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने पूरी प्रक्रिया समझाई। उन्होंने कहा, ‘चुनाव की तारीख से सात से आठ दिन पहले एजेंट के सामने सिंबल डाले जाते हैं। मॉक पोल की छूट होती है।
बैटरी उसी दिन डाली जाती है और सील होती है। ईवीएम को एजेंट के सामने सील लगाई जाती है। पोलिंग डे पर सील तोड़ी जाती है। पोलिंग स्टेशन पर सबसे पहले सीरियल नंबर चेक कराए जाते हैं’। उन्होंने कहा कि पोलिंग के बाद एजेंट्स को बताया जाता है कि कितना मतदान हुआ और फिर मशीन सील होती है, जो गिनती के समय तोड़ी जाती है।
उन्होंने बताया कि पोलिंग के दिन दिए गए फॉर्म सात सी की संख्या से मशीन के वोट का मिलान किया जाता है और मिलान हो जाए तभी गिनती होती है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईवीएम हैक हो ही नहीं सकती है।
मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हर साल अक्टूबर से सर्वे शुरू होता है, जिसके आंकड़े एक जनवरी को जारी होते हैं। चुनाव आयोग नाम जोड़ने और हटाने की सूचना जारी करता है।
उन्होंने कहा कि निजी रूप से बताए बगैर किसी का नाम नहीं हटाया जा सकता है। साथ ही अगर पोलिंग बूथ पर दो फीसदी से ज्यादा नाम हटाए गए तो अधिकारी खुद जाकर चेक करते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, -‘जहां एक एक वोट की लड़ाई होती है। वहां ऐसे नाम कटे तो क्या स्थिति होगी’? गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल और आतिशी ने बड़ी संख्या में नाम काटे जाने की शिकायत की थी।
पारदर्शिता हमारा मूलभूत आधार(Election Commissioner)
मतदान खत्म होने के बाद मतदान प्रतिशत बढ़ने के मुद्दे पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि शाम छह बजे जब मतदान खत्म होता है उस समय आंकड़े बताए ही नहीं जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि शाम छह बजे आयोग मतदान समाप्त कराए और मशीन सील करे या मतदान प्रतिशत बताए! उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘फॉर्म 17 सी भी धीरे धीरे रात तक अपडेट होता है। अगले दिन हम एक स्क्रूटनी करते हैं ऑब्जर्वर्स और कैंडिडेट को बुलाते हैं परसेंटेज रिवाइज्ड करते हैं’।
मतदान केंद्र की रिकॉर्डिंग और दूसरे इलेक्ट्रोनिक डाटा देने के नियमों में बदलाव पर उन्होंने कहा कि, ‘पारदर्शिता हमारा मूलभूत आधार है। उसे हम कम कर ही नहीं सकते।
नियम कहते हैं कि सात दस्तावेज नहीं दिए जाएंगे। एक अहम है 17 ए। ये पोलिंग स्टेशन पर दिन भर के वोटर्स के साइन और नाम लिखते हैं। इसकी डिटेल इसलिए नहीं दी जाती है ताकि वोटर की प्राइवेसी खत्म न हो’।