Sanjay Raut :- सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन को शर्मिदा करते हुए विपक्षी शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों की ठीक एक साल पहले की गई ‘दगाबाजी’ की ओर संयुक्त राष्ट्र का ध्यान आकर्षित करते हुए मंगलवार को एक पत्र लिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुधवार से शुरू हो रही हाई-प्रोफाइल अमेरिका यात्रा से एक दिन पहले राउत का यह पत्र आया है। राउत के साथ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और महा विकास अघाड़ी की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मांग की थी कि 20 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘विश्व गद्दार दिवस’ घोषित किया जाना चाहिए। राउत ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखकर अपील की कि 20 जून को ‘विश्व गद्दार दिवस’ घोषित किया जाना चाहिए।
इसी दिन 2022 में शिंदे गुट मूल शिवसेना से बाहर चला गया था। राउत ने इस अजीबो-गरीब मांग के साथ संयुक्त राष्ट्र को घटना की पूरी पृष्ठभूमि भी बताई है। राउत ने कहा, 20 जून (2022) को हमारी शिवसेना के 40 विधायकों के एक बड़े समूह ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रलोभन दिए जाने के बाद हमें छोड़ दिया। कहा जाता है कि उनमें से प्रत्येक ने इसके लिए 50-50 करोड़ रुपये लिए। भाजपा ने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर जाए। राउत ने कहा कि 10 निर्दलीय विधायकों के साथ ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपने वाले 40 विधायकों का नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे थे, जो अब सीएम हैं। उन्होंने 20 जून की तारीख का औचित्स बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़ने का सिलसिला 2022 में इसी दिन शुरू हुआ जब शिंदे और अन्य विधायक मुंबई से पड़ोसी राज्य गुजरात के लिए रवाना हुए थे।
राउत ने यूएन महासचिव को तख्तापलट से पहले की कहानी बताते हुए कहा, उन्होंने उद्धव ठाकरे को छोड़ दिया, जो एक बीमार व्यक्ति थे और उनकी 12 नवंबर और 19 नवंबर (2021) को दो बड़ी सर्जरी हुई। उनमें से प्रत्येक (विधायक) ने उनकी बीमारी का फायदा उठाया। राउत ने मंगलवार को जारी गुटेरेस को लिखे पत्र में आग्रह किया, इसलिए, मैं आपसे 20 जून को विश्व गद्दार दिवस के रूप में मनाने की अपील कर रहा हूं, जिस तरह 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसा किया जाना चाहिए ताकि दुनिया गद्दारों को याद रखे। यह संभवत: पहली बार है कि एक भारतीय राज्य का राजनीतिक मुद्दा यूएन तक पहुंचा है, जिसमें एक दिन दलबदलुओं, पीठ में छुरा घोंपने वालों या गद्दारों को याद करने के लिए समर्पित करने का विशेष अनुरोध किया गया है।
भाजपा विधायक नितेश राणे ने जवाबी प्रतिक्रिया में कहा है कि 27 जून को ‘विश्व राष्ट्र-विरोधी दिवस’ के रूप में घोषित किया जाना चाहिए और इसके लिए संयुक्त राष्ट्र को लिखने की योजना है। राउत के ‘गद्दार’ और ’50 खोखा’ जैसे शब्दों के प्रति बेफिक्र सत्तारूढ़ शिवसेना ने कहा है कि वह 20 जून को ‘स्वाभिमान दिवस’ या ‘गौरव दिवस’ के रूप में मनाएगी। संयोग से, दोनों – शिवसेना और शिवसेना (उद्धव गुट) – ने 19 जून (सोमवार) को अपना स्थापना दिवस मनाया, जिसमें शीर्ष नेता शिंदे और ठाकरे ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। (आईएएनएस)