नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले टैरिफ अटैक से भारत बच गया है। उन्होंने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान नहीं किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने एक फरवरी को कनाडा, मेक्सिको और चीन और शुल्क लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी और चीन पर अतिरिक्त 10 फीसदी शुल्क लगाने की घोषणा की। उन्होंने इस दौरान भारत का नाम नहीं लिया। हालांकि इससे पहले उन्होंने मंगलवार, 28 जनवरी को फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों पर ज्यादा शुल्क लगाने की धमकी दी थी।
गौरतलब है कि ट्रंप पहले भी कई बार ब्रिक्स देशों पर एक सौ फीसदी शुल्क लगाने की धमकी दे चुके हैं। भारत, ब्राजील और चीन तीनों ब्रिक्स का हिस्सा हैं। हालांकि इसमें से उन्होंने शुरुआती घोषणा में सिर्फ चीन पर 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान किया है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत ने पहले ही ट्रंप का रुख भांप कर अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क कम करने का संकेत दे दिया था। इसलिए ट्रंप ने भारत पर शुल्क नहीं लगाया।
भारत सरकार ने शनिवार, एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया, जिसमें अमेरिकी मोटरसाइकिल हार्ले डेविडसन पर लगने वाला शुल्क 125 की जगह 70 फीसदी करने का ऐलान किया। भारत ने अमेरिका से आने वाली वस्तुओं जैसे 16 सौ सीसी से कम इंजन की मोटरसाइकिल, सैटेलाइट के लिए ग्राउंड इंस्टॉलेशन और सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस जैसे सामानों पर शुल्क घटा दिया है। ध्यान रहे डोनाल्ड ट्रंप अक्सर इसकी शिकायत करते रहे हैं कि अमेरिकी उत्पादों पर भारत में बहुत ज्यादा शुल्क लगाया जाता है। हालांकि भारत पर अब भी ट्रंप की ओर से अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने का खतरा बना हुआ है।
बहरहाल, ट्रंप ने शुरुआत टैरिफ अटैक के लिए उन देशों को चुना, जिनसे उसको सबसे ज्यादा व्यापार घाटा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका को चीन से सबसे ज्यादा 30 फीसदी व्यापार घाटा होता है। इसके बाद मेक्सिको से 19 फीसदी और कनाडा से 14 फीसदी का घाटा होता है। इसलिए सबसे पहले उन्होंने इन तीन देशों पर शुल्क बढ़ाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इन तीन देशों से हर साल अमेरिका को एक ट्रिलियन डॉलर का व्यापार घाटा होता है। अमेरिका के व्यापार घाटे में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.2 फीसदी है।
बहरहाल, डोनाल्ड ट्रंप ने एक फरवरी से कनाडा, मेक्सिको और चीन पर शुल्क बढ़ाते हुए कहा, ‘हमारी धमकियां सिर्फ सौदेबाजी के लिए नहीं हैं। इन तीनों देशों के साथ हमारा बड़ा व्यापारिक घाटा है’। माना जा रहा है कि चीन के उत्पादों पर 10 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने से अमेरिकी बाजार में भारत के सामानों के लिए ज्यादा मौके बनेंगे। दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महीने संभावित अमेरिका यात्रा में चर्चा होने की संभावना है।