मुंबई। देवेंद्र फड़नवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार को शाम साढ़े पांच बजे आजाद मैदान में फड़नवीस को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने भी शपथ ली। दोनों राज्य के उप मुख्यमंत्री बने हैं। बाकी मंत्रियों की शपथ बाद में होगी। उससे पहले तीनों पार्टियों के नेता मंत्रियों की संख्या, नाम और उनके विभागों के बारे में विचार विमर्श करेंगे। कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे।
गौरतलब है कि फड़नवीस महाराष्ट्र में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने पांच साल का पहला कार्यकाल पूरा किया था। पिछले 50 साल में कार्यकाल पूरा करने वाले वे पहले मुख्यमंत्री बने। आखिरी बार वसंतराव नाईक करीब 12 साल मुख्यमंत्री रहे थे। लेकिन 1975 के बाद से कोई भी मुख्यमंत्री कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया। इसी तरह फड़नवीस के नाम सबसे कम समय तक सीएम रहने का भी रिकॉर्ड बना, जब वे दूसरे कार्यकाल में सिर्फ चार दिन मुख्यमंत्री रहे। अब वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं।
बहरहाल, मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फड़नवीस के शपथ लेने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ से पहले उन्होंने बाला साहेब ठाकरे और आनंद दिघे का नाम लिया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। वे राज्य के तीसरे नेता हैं जो मुख्यमंत्री रहने के बाद मंत्री या उप मुख्यमंत्री बने। शिंदे के बाद एनसीपी नेता अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ली। वे छठी बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ के आधे घंटे बाद फड़नवीस, शिंदे और अजित पवार मंत्रालय पहुंचे, जहां कैबिनेट की पहली बैठक हुई।
इससे पहले शपथ समारोह मुंबई के आजाद मैदान में शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुआ, जो करीब आधे घंटे तक चला। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के सामने तीनों नेताओं ने मराठी में शपथ ली। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और नितिन गडकरी के अलावा एनडीए के शासन वाले 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल हुए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू भी शपथ समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के अलावा किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई। हालांकि महायुति के बीच कैबिनेट बंटवारे को लेकर छह विधायक पर एक मंत्री का फॉर्मूला तय होने की खबर है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22 मंत्री पद, एकनाथ शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को आठ से नौ मंत्री पद दिए जा सकते हैं।