नई दिल्ली। अवैध भारतीय प्रवासियों को बेहद अमानवीय तरीके से अमेरिका से निकाले जाने की घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में बयान दिया। उन्होंने एक तरह से अमेरिका की कार्रवाई का बचाव किया और कहा कि पहले भी अवैध भारतीय प्रवासियों को निकाला जाता था। उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के शासन में अवैध भारतीय प्रवासियों को निकाले जाने का आंकड़ा भी दिया।
जयशंकर ने अमेरिकी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया नई नहीं है, कई सालों से निर्वासन हो रहा है। भारतीय प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो’। उन्होंने कहा, ‘यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए’।
राज्यसभा में जयशंकर ने कहा, ‘सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी’।
जयशंकर ने राज्यसभा में कहा, ‘यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है’। विदेश मंत्री ने बताया, ‘अमेरिका से भारतीयों का डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ है। यह 2009 से हो रहा है। पिछले 16 सालों में अमेरिका से 15,652 भारतीयों को वापस भेजा गया है। सबसे ज्यादा 2019 में 2042 लोगों को भारत डिपोर्ट किया गया। हम कभी भी अवैध मूवमेंट के पक्ष में नहीं हैं। इससे किसी भी देश की सुरक्षा में खतरा पैदा हो सकता है’।