नई दिल्ली। पिछले 13 दिन से चल रही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सर्वोच्च अदालत की ओर से हड़ताल खत्म करने की अपील के बाद डॉक्टरों के बाद हड़ताल खत्म कर दी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। उन्होंने कहा- अस्पतालों की स्थिति जानता हूं। मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था। वापस आने के बाद आप पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।
चीफ जस्टिस ने कहा- हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और डीजीपी के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह कवायद एक हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए और राज्य दो हफ्ते के अंदर इसे लागू करें। सुनवाई के दौरान जब दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने बताया कि घटना के अगले दिन से डॉक्टर हड़ताल पर हैं तो चीफ जस्टिस ने कहा- 13 दिन से एम्स के डॉक्टर काम नहीं कर रहे हैं। कृपया काम पर लग जाइए। हमने यह सुनिश्चित किया है कि आज के आदेश के बाद कोई विरोध प्रदर्शन हो तो कोई बलपूर्वक कार्रवाई न की जाए।
चीफ जस्टिस ने कहा- न्यायपालिका और मेडिकल हड़ताल पर नहीं जा सकते। क्या हम सुप्रीम कोर्ट के बाहर जाकर बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा- जब हम कहते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को परेशान नहीं किया जाएगा, तो हमारा मतलब यह भी है कि उचित प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। जहां तक डॉक्टरों का सवाल है, उन्हें काम पर वापस लौटना होगा। सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता और बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल आपस में उलझ गए। उन्होंने चुप कराते हुए चीफ जस्टिस ने कहा- हम डॉक्टरों की सुरक्षा के बारे में भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा- हम आदेश देते हैं कि विरोध प्रदर्शन के बाद काम पर वापस आने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।