Bangladesh: अगरतला में बांग्लादेश के कौंसुलेट के बाहर प्रदर्शन और उसके परिसर में घुसपैठ को लेकर भारत सरकार ने सोमवार को बयान जारी किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग की परिसरों में घुसपैठ बेहद अफसोसजनक है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में हजारों लोग एक विशाल रैली में शामिल हुए।
उसी दौरान कुछ लोग बांग्लादेश के कौंसुलेट में घुस गए और उसकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
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कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध
इस रैली का आयोजन इस्कॉन के धर्मगुरू चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए किया गया था। साथ ही बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को बंद करने की मांग की गई थी।
इस घटना को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है- किसी भी परिस्थिति में कूटनीतिक और कौंसुलर संपत्तियों को लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए।(Bangladesh)
मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार बांग्लादेश उच्चायोग और उसके उप, सहायक उच्चायोगों की सुरक्षा व्यवस्थाओं को बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है।
बांग्लादेश सीमा पर प्रदर्शन
इस बीच पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेश सीमा पर प्रदर्शन हुए हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्संख्यकों पर हमलों के विरोध में और इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग करते हुए सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में पेट्रापोल सीमा पर एक हजार से अधिक साधुओं ने प्रदर्शन में भाग लिया।
पेट्रापोल सीमा चौकी से करीब एक किलोमीटर दूर विरोध स्थल पर अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले साधु सुबह से ही पहुंचने लगे थे।