नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अमेरिका की एक कंपनी के साथ हुए प्रिडेटर ड्रोन सौदे को राफेल विमान खरीद से बड़ा घोटाला बताया है। कांग्रेस ने यह सवाल भी उठाया है कि जब भारत में इससे बहुत कम कीमत और बेहतर क्षमता वाले ड्रोन बन सकते हैं फिर क्यों अमेरिका से इतना महंगा सौदा किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों अमेरिका के दौरे पर गए थे, जहां जनरल एटॉमिक्स नाम की कंपनी से 31 प्रिडेटर ड्रोन खरीदने का सौदा हुआ। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अभी कीमत फाइनल नहीं हुई है।
इस बीच कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा- हम 31 प्रिडेटर ड्रोन 3.072 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 25 हजार दो सौ करोड़ रुपए में खरीद रहे हैं। इसका मतलब है कि हम एक ड्रोन 812 करोड़ रुपए में खरीद रहे हैं, जबकि रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन, डीआरडीओ इसकी 10 से 20 फीसदी कीमत में ही ये ड्रोन बना सकता है। खेड़ा ने कहा कि जो राफेल डील में हुआ था, वही प्रिडेटर ड्रोन की खरीद में दोहराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रीडेटर ड्रोन को दुनिया के बाकी देश चार गुना कम कीमत पर खरीद रहे हैं, उसे भारत अधिक कीमत पर खरीद रहा है। गौरतलब है कि इस ड्रोन खरीद सौदे को 15 जून, 2023 को मंजूरी दी गई थी।
कांग्रेस प्रवक्ता ने ड्रोन सौदे को लेकर केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा- ड्रोन खरीद मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति, सीसीएस की बैठक क्यों नहीं हुई? भारत दूसरे देशों की तुलना में ड्रोन के लिए ज्यादा कीमत क्यों चुका रहा है? जब वायु सेना को इन ड्रोन की अधिक कीमत पर आपत्ति थी, तो डील करने की इतनी जल्दी क्या थी? उन्होंने यह भी पूछा कि रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का क्या हुआ?
पवन खेड़ा ने पूछा- जब अमेरिका से 25 हजार करोड़ रुपए में सौदा करना था तो ‘रुस्तम’ और ‘घातक’ जैसे ड्रोन के बनाने के लिए डीआरडीओ को 1786 करोड़ रुपए मंजूर क्यों किए? प्रिडेटर ड्रोन बनाने वाली कंपनी जनरल एटॉमिक्स के सीईओ के मौजूदा सत्तारूढ़ दल के नेताओं और और प्रभावशाली हस्तियों से क्या संबंध है? खेड़ा ने सरकार पर निशाना साधते हुए ड्रोन को पुरानी तकनीक और अमेरिका का कबाड़ करार दिया।