पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एनडीए के घटक दलों की बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने हिंदू मुस्लिम की राजनीति करने वाले नेताओं पर निशाना साधा और साथ ही यह भी कहा कि जमीनी स्तर पर एनडीए की एकजुटता दिखनी चाहिए। बैठक में 225 सीट जीतने और नीतीश को फिर से मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प किया गया। बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी शामिल थे, जिन्होंने हाल में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी। उन्हें बैठक में पीछे की पंक्ति में बैठाया गया था, जबकि दूसरे केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह आगे बैठे थे।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से इस बैठक को बहुत अहम माना जा रहा है। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने एनडीए की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा- हर हाल में नीचे के स्तर तक संगठन को मजबूत करना है। एनडीए की इस बैठक की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने की, जबकि संचालन जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने किया। बैठक में जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा भी मौजूद थे। जीतन राम मांझी की पार्टी की ओर से उनके बेटे संतोष सुमन और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने अपने दल का प्रतिनिधत्व किया।
एनडीए की इस बैठक में नीतीश कुमार के एक तरफ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तो दूसरी तरफ जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा बैठे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा- राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर एनडीए की जो एकता है वह जमीनी स्तर पर भी दिखना जरूरी है। एकजुटता ही हमारी पूंजी है। अपने भाषण में नीतीश ने राजद के 15 साल के शासनकाल में बिहार की स्थिति और उसके बाद अपने कार्यकाल में हुए कामों की चर्चा की।
लालू प्रसाद की पार्टी राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले दंगा फसाद होता रहता था। एनडीए की सरकार जब आई तो इसे नियंत्रित किया। भागलपुर दंगा पीड़ितों का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा- हमने दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाया। पीड़ितों के लिए पेंशन की व्यवस्था करायी। बिहार में उनकी सरकार में विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई। पहले शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते थे पर अब ऐसी स्थिति नहीं है।