नई दिल्ली। एनसीपी नेता अजित पवार के भाजपा की सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद ही उनको बड़ी राहत मिली है। कई घोटालों में केंद्रीय एजेंसियां उनको और उनकी पत्नी को पहले ही क्लीन चिट दे चुकी हैं। अब अजित पवार की जब्त बेनामी संपत्ति रिलीज करने का आदेश आ गया। बताया जा रहा है कि दिल्ली के आयकर विभाग ट्रिब्यूनल ने पवार की एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को मुक्त कर दिया है।
असल में सात अक्टूबर 2021 को छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने इन संपत्तियों को जब्त किया था। इसमें अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और बेटे पार्थ पवार की भी संपत्तियां हैं। ट्रिब्यूनल ने संपत्तियां मुक्त करने का आदेश सुनाते हुए कहा- संपत्तियों को लेकर कोई गैरकानूनी हेरफेर होने का सबूत आयकर विभाग पेश नहीं कर पाया है। बेनामी लेन देन की बात भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। सभी ट्रांजेक्शन बैंकिंग सिस्टम के जरिए हुए हैं।
हालांकि ट्रिब्यूनल अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर चुका था, लेकिन पांच नवंबर 2024 को आयकर विभाग ने फिर से याचिका लगाकर पुनर्विचार की अपील की थी। ट्रिब्यूनल ने आयकर विभाग की पुनर्विचार वाली अपील भी खारिज कर दी है। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति रोकथाम कानून के तहत मुंबई में अजित पवार और उनके करीबियों के घरों और ऑफिस की तलाशी ली थी।