Delhi Services Ordinance :- उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार से सेवाओं का नियंत्रण छीनने वाले केंद्र के हालिया अध्यादेश के खिलाफ प्रदेश सरकार की याचिका पर फैसले के लिए बृहस्पतिवार को इसे संविधान पीठ के पास भेज दिया।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मामले को बड़ी पीठ को सौंपने का विस्तृत आदेश आज दिन में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना और दिल्ली सरकार की तरफ से क्रमश: पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे व अभिषेक सिंघवी की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, “हम इसे संविधान पीठ को भेजेंगे।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए। शीर्ष अदालत ने हाल ही में दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए याचिका पर केंद्र और उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया था।
केंद्र ने 19 मई को दिल्ली में ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती के लिए एक प्राधिकरण बनाने के वास्ते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था, जिससे अरविंद केजरीवाल सरकार के साथ टकराव शुरू हो गया था।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने इसे भूमि, सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस के क्षेत्रों को छोड़कर सेवाओं का नियंत्रण शहर की सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के साथ “छलावा” करार दिया और एक नई याचिका के साथ शीर्ष अदालत का रुख किया। (भाषा)