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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बवाल, 370 के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने

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श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस समेत कुछ विधायकों ने अनुच्छेद 370 और 35 ए को उनके मूलस्वरूप में तत्काल बहाल करने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा (Jammu-Kashmir Assembly) में नया प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने 2019 में तत्कालीन राज्य से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने सहित सभी परिवर्तनों को वापस लेने का भी आह्वान किया। मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित किया था। अनुच्छेद 35 ए पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार प्रदान करता है।

पीडीपी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस समेत अन्य विधायकों के इस प्रस्ताव से एक दिन पहले विशेष दर्जे से संबंधित सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) का प्रस्ताव विधानसभा में पारित हुआ था, जिसमें केंद्र से पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक संवैधानिक तंत्र तैयार करने और इस मुद्दे पर निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया गया है। बृहस्पतिवार सुबह भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने बुधवार को पारित किए गए प्रस्ताव को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच पीडीपी एवं पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर को नया प्रस्ताव पेश किया।

यह प्रस्ताव पीडीपी सदस्य वहीद पारा (विधायक पुलवामा) और फैयाज मीर (विधायक कुपवाड़ा), हंदवाड़ा से पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के विधायक सज्जाद लोन, लंगेट से अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक शेख खुर्शीद (सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ ​​इंजीनियर रशीद के भाई) और शोपियां से निर्दलीय विधायक शब्बीर कुल्लाय द्वारा प्रस्तुत किया गया। प्रस्ताव में कहा गया यह सदन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को असंवैधानिक और एकतरफा तरीके से हटाने तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को पारित करने की कड़ी निंदा करता है। प्रस्ताव में कहा गया है इन कार्रवाइयों ने जम्मू कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया तथा भारत के संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा को कमजोर करने का काम किया है।

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प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि यह सदन स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को उनके मूल, अपरिवर्तित स्वरूप में तत्काल बहाल करने की मांग करता है तथा जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा किए गए सभी परिवर्तनों को वापस लेने की मांग करता है। हालांकि, बुधवार को पारित प्रस्ताव के विरोध में भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। प्रस्ताव को लेकर बुधवार को भी सदन में हंगामा हुआ था और भाजपा सदस्यों ने जोरदार विरोध किया था, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। आखिरकार, अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर करनी पड़ी थी।

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