नई दिल्ली। फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनने के विवाद में घिरी पूजा खेडकर की सेवा केंद्र सरकार ने समाप्त कर दी है। यूपीएससी ने उनको जुलाई में ही अयोग्य ठहरा दिया था लेकिन उन्होंने इसे चुनौती देते हुए कहा था कि उनकी सेवा समाप्त करने का अधिकार यूपीएससी को नहीं है। अब भारत सरकार ने ही उनकी सेवा समाप्त कर दी है। केंद्र ने शुक्रवार, छह सितंबर को ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी।
उनके खिलाफ आईएएस परिवीक्षा नियम, 1954 की धारा 12 के तहत कार्रवाई की गई है। पूजा 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस थीं। वे जून 2024 से ट्रेनिंग कर रही थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण का फायदा उठाने के लिए लोक सेवा परीक्षा 2022 में खुद से जुड़ी गलत जानकारी दी थी। यूपीएससी ने अपनी जांच में पूजा को दोषी पाया था। इसके बाद 31 जुलाई को पूजा का चयन रद्द कर दिया गया।
पूजा खेडकर पर उम्र, माता व पिता की गलत जानकारी, पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा देने का आरोप था। चयन रद्द होने के बाद पूजा का पद छिन गया था और उन पर भविष्य में यूपीएससी की कोई भी परीक्षा देने पर रोक लग गई थी। पूजा के ऊपर विकलांगता का भी फर्जी सर्टिफिकेट जमा करने का आरोप है। उन्होंने अंतरिम जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि वे अपनी विकलांगता की जांच एम्स में कराने को तैयार हैं। इससे पहले हाई कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और स्टैटस रिपोर्ट मांगी थी। चार सितंबर को दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में नई स्टैटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि पूजा की तरफ से यूपीएससी में जमा कराए गए दो विकालंगता सर्टिफिकेट में से एक फर्जी होने का शक है। इस मामले में पूजा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।