नई दिल्ली। खालिस्तानी अलगाववादियों को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भाषा बदल गई है। उन्होंने माना है कि कनाडा की धरती पर खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद चल रहा है। भारत का आरोप है कि कनाडा ने खालिस्तान समर्थकों को अपने यहां छूट दे रखी है और वे भारत विरोधी गतिविधियां चला रहे हैं। दूसरी ओर कनाडा ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कराई थी।
बहरहाल, इस विवाद के बीच ट्रूडो ने पहली बार यह माना है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग पूरे सिख समुदाय प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। ट्रूडो ने यह बात शुक्रवार, आठ नवंबर को कनाडा की संसद पार्लियामेंट हिल में आयोजित दिवाली समारोह में कही। माना जा रहा है कि यह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतने का असर हो सकता है।
ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थकों पर बयान देने के साथ साथ यह भी कहा कि कनाडा में रहने वाले कई हिंदू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक भी हैं, लेकिन वे पूरे कनाडाई हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते। गौरतलब है कि ट्रूडो अभी तक खालिस्तानी आतंकियों और अलगाववादियों को शरण देने के आरोपों को खारिज करते रहे हैं। ऐसे में ट्रूडो का बयान काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसमें भी नरेंद्र मोदी समर्थक हिंदुओं की बात करके इसे बैलेंस करने का प्रयास किया है।
इस बीच खबर है कि कनाडा ने आठ नवंबर से स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम यानी एसडीएस वीजा प्रोग्राम बंद कर दिया है। कनाडा ने 2018 में यह प्रोग्राम शुरू किया था। इसके तहत 14 देशों के छात्रों को जल्दी वीजा दिया जाता है। इन 14 देशों में भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, मोरक्को जैसे देश शामिल हैं। खबरों के मुताबिक कनाडा सरकार अपने यहां आने वाले अप्रवासियों की संख्या में कटौती करना चाहती है। इस वजह से यह कदम उठाया गया है। सरकार ने अपनी वेबसाइट पर बताया है- हम दुनिया के सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना चाहते हैं। इसलिए कुछ देशों के लिए शुरू हुई स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम को बंद करने का फैसला किया गया है। अब दुनिया भर के सभी छात्र समान रूप से स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।