Hemant Soren: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का गुरुवार को कैबिनेट विस्तार हुआ जिसमें 11 मंत्रियों ने शपथ ली।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने राजभवन में आयोजित समारोह में सभी नवनियुक्त मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इन मंत्रियों में झारखंड मुक्ति मोर्चा से दीपक बिरुआ, रामदास सोरेन, हफीजुल हसन, सुदिव्य कुमार सोनू, योगेंद्र महतो और चमरा लिंडा शामिल हैं।
कांग्रेस से दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी, राधाकृष्ण किशोर और शिल्पी नेहा तिर्की को मंत्री बनाया गया है जबकि राष्ट्रीय जनता दल से संजय प्रसाद यादव को कैबिनेट में जगह दी गई है।
इन मंत्रियों से पहले राज्यपाल ने झामुमो के वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ दिलाई गई।
राजभवन के अशोक उद्यान में शपथ ग्रहण
राजभवन के अशोक उद्यान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सीएम हेमंत सोरेन, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर, राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव सहित कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे।
नवगठित कैबिनेट में छह नए और पांच पुराने चेहरे हैं। नए मंत्रियों में राधाकृष्ण किशोर, सुदिव्य सोनू, चमरा लिंडा, योगेंद्र प्रसाद, शिल्पी नेहा तिर्की और संजय यादव शामिल हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन में इस बार आठ महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं।
इनमें से दो को कैबिनेट में जगह मिली है। कैबिनेट में राज्य के पांचों प्रमंडलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
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संथाल परगना से सर्वाधिक मंत्री (Hemant Soren)
संथाल परगना से सर्वाधिक चार मंत्री बनाए गए हैं। कोल्हान, दक्षिणी छोटानागपुर और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से दो-दो और पलामू प्रमंडल से एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिली है।
सरकार ने मंत्रिमंडल में विभिन्न समुदायों को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक-राजनीतिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया है।
अनुसूचित जनजाति से चार, अनुसूचित जाति से एक, ओबीसी से तीन, अल्पसंख्यक समुदाय से दो और सवर्ण समुदाय से एक विधायक को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में सोरेन के नेतृत्व वाले चार दलों के गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और भाकपा (माले) को दो सीटें मिली थीं।
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भाकपा माले ने मंत्रिमंडल से बाहर(Hemant Soren)
भाकपा माले ने मंत्रिमंडल से बाहर रहने का फैसला किया था। हेमंत सोरेन की पिछली सरकार के सात मंत्री इस बार कैबिनेट में नहीं दिखेंगे।
पूर्व की सरकारों में सबसे बुजुर्ग मंत्री रहे रामेश्वर उरांव को इस बार जगह नहीं मिल पाई।
चार पूर्व मंत्री बेबी देवी, हफीजुल हसन, मिथिलेश ठाकुर और वैद्यनाथ राम चुनाव हार गए।
सत्यानंद भोक्ता इस बार चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि चंपई सोरेन पहले ही सत्तारूढ़ गठबंधन को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज शाम तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर सकते हैं।