companies Quarterly results :- ब्याज दर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के निर्णय तथा भारतीय कंपनियों के जून तिमाही के नतीजों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से सप्ताह के दौरान बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके अलावा वैश्विक बाजारों के रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, 26 जुलाई को अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दर पर अपने निर्णय की घोषणा करेगा। संभावना जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है। इस घोषणा के दौरान बाजार भागीदारों की निगाह फेडरल रिजर्व की टिप्पणी पर भी रहेगी। इसके अलावा 28 जुलाई को बैंक ऑफ जापान भी अपने नीतिगत फैसले की घोषणा करेगा। मीणा ने बताया कि सप्ताह के दौरान टाटा स्टील, एशियन पेंट्स, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, बीपीसीएल और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियां अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी।
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की थी। कंपनी का तिमाही लाभ 11 प्रतिशत घटा है। ऐसे में सोमवार को सभी की निगाह रिलायंस के शेयर पर रहेगी। मीणा ने कहा कि जुलाई के लिए वायदा एवं विकल्प खंड में बृहस्पतिवार को निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके अलावा बाजार भागीदारों की नजर संसद के मौजूदा मानसून सत्र पर भी रहेगी। उन्होंने कहा विदेशी संस्थागत निवेशक पिछले तीन माह से भारतीय बाजार में जमकर निवेश कर रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव तथा ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 623.36 अंक या 0.94 प्रतिशत के लाभ में रहा। 20 जुलाई यानी बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 67,619.17 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था। (भाषा)