नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में दिए गए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर सोमवार को तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार प्रधानमंत्री के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के “राज्याभिषेक” का न्योता लाने के लिए अपने विदेश मंत्री को अमेरिका नहीं भेजेगी।
सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए गांधी ने अपने संबोधन में कहा, “हम अपने विदेश मंत्री को हमारे प्रधानमंत्री के लिए उनके (अमेरिकी राष्ट्रपति के) राज्याभिषेक का निमंत्रण लाने के लिए नहीं भेजेंगे। हम अपने विदेश मंत्री को तीन-चार बार (यह कहने के लिए) वहां नहीं भेजेंगे कि कृपया हमारे प्रधानमंत्री को आमंत्रित करें…अगर हमारे देश की उत्पादन व्यवस्था अच्छी होती और हम भी प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे होते तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद यहां आते और प्रधानमंत्री को निमंत्रण देते।”
गांधी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने सत्ता पक्ष की ओर से विरोध जताया और उनसे भारत की विदेश नीति के बारे में ‘‘निराधार आरोप’’ न लगाने का आग्रह किया। रीजीजू ने बाद में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी के प्रति गंभीर नहीं हैं। संसद में बोला गया प्रत्येक वाक्य प्रमाणित होना चाहिए।”
उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी से अपेक्षा की जाती है कि वह परिपक्वता दिखाएं और संसद सदस्य होने के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी पूरी जिम्मेदारी के साथ बोलें। मैं भारत की छवि खराब करने के उनके प्रयासों की कड़ी निंदा करता हूं।”
गांधी का इशारा विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ओर था जो ट्रंप के शपथग्रहण समारोह से पहले अमेरिका की यात्रा पर गए थे। जयशंकर ने बाद में 20 जनवरी को शपथग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
इससे पहले, गांधी पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री ने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 की मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में जानबूझकर झूठ बोला।”